Delhi Ncr Earthquake Today: दिल्ली NCR में भूकंप के झटके, कुछ सेकंड तक कांपती रही धरती, 6.2 मापी गई तीव्रता; दिल्ली एनसीआर में भूकम्प के तेज झटकों से सभी लोग दहशत में आ गए और घरों व ऑफिस से बाहर निकल आये।
भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि दिल्ली एनसीआर में घरों में बेड व चेयर पर बैठे लोग हिल गए। घरों में लगे पंखें, झूमर, रखी चीजें, गमले सब हिलने लग गए। इनके वीडियो आगे देखें।
मंगलवार को करीब 2.51 बजे दिल्ली में भूकंप के दो झटके आये जिनमें पहला झटका 4.6 तीव्रता का था तथा दूसरा झटका 6.2 तीव्रता का था। दूसरे भूकंप का झटका बहुत तेज था जिससे लोग दहशत में आकर घरों व ऑफिस से बाहर निकल गए।
दिल्ली एनसीआर भूकम्प की तीव्रता
नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार मंगलवार को भूकंप के दो झटके आए। पहला झटका दोपहर 2.25 बजे आया था, जिसकी तीव्रता 4.6 थी। इसके बाद करीब आधे घंटे बाद दोपहर 2.51 बजे भूकंप का एक और झटका आया, जिसकी तीव्रता 6.2 थी। बाद वाले झटके ने लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर दिया।
वीडियो में देखें भूकम्प से हिली धरती
इसे भी पढ़ें :- Delhi NCR Earthquake: दिल्ली एनसीआर में भूकम्प के झटके से कैमरे में कैद डरावनी तस्वीरें, देखें
लखनऊ व उत्तरप्रदेश में भी आये भूकम्प के झटके
इस भूकम्प का केंद्र नेपाल में था लेकिन उत्तर भारत में भी इस भूकंप के तेज झटके आये। दिल्ली एनसीआर भूकम्प से लेकर गाजियाबाद, नोएडा, उत्तरप्रदेश, लखनऊ आदि जगह पर भूकम्प के झटके आये।
नोएडा में कई सोसायटी से लोग बाहर निकले
दिल्ली एनसीआर भूकम्प के झटके नोएडा में भी महसूस हुई। लोग घबराकर फटाफट अपने घरों से बाहर निकल आये।

जैसे ही लोगों को भूकम्प का पता चला सोसायटी के बाहर निकले लोगों में दहशत का माहौल नजर आया। नोएडा के सेक्टर 73 की सोसायटी में लोग बाहर निकल आए।

दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सोसायटी में रह रहे लोग अपने बच्चों को लेकर बाहर परिसर में आ गए।

क्यों आता है भूकम्प?
आपको बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, उस जोन को फॉल्ट लाइन कहते हैं। इन प्लेट्स के बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। ज्यादा दबाव बनने पर प्लेट्स टूटने लगती हैं। जिससे नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
जिस जगह ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होने से अंदर की ऊर्जा बाहर निकलती है वहाँ भूकम्प का केंद्र होता है। दिल्ली एनसीआर में आये भूकम्प के झटकों का केंद्र नेपाल में था। इस जगह भूकम्प का कंपन ज्यादा होता है। जैसे जैसे केंद्र से दूरी बढ़ती जाती है भूकम्प की तीव्रता कम होती जाती है। भूकम्प को 1 से 9 के स्केल पर मापा जाता है।
यदि रियक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।